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Yoga with Deepak |
ओम् सहनाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।
ओम् शांति: शांति: शांति:
नमस्कार मित्रों!
आज मैं आप सभी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय लेकर आया हूं, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। हाल ही में, मैं योगा विद दीपक यूट्यूब चैनल पर गया, जहां दीपक जी ने हमें सामान्य सूक्ष्म व्यायाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
योग विशेषज्ञ का कहना है कि शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए यह छोटे-छोटे व्यायाम बेहद फायदेमंद होते हैं। इन अभ्यासों को अपनाकर हम अपने दैनिक जीवन में काफी बदलाव महसूस कर सकते हैं। इस लेख में, उन्हीं के बताए गए आसान योग अभ्यासों को चरणबद्ध तरीके से साझा किया जा रहा है ताकि आप भी इन्हें आसानी से कर सकें और अपने शरीर को स्वस्थ रख सकें।
1. गर्दन के व्यायाम
गर्दन के लचीलेपन को बनाए रखने और दर्द से राहत पाने के लिए यह अभ्यास बेहद उपयोगी है।
सांस भरते हुए गर्दन को धीरे-धीरे पीछे ले जाना है और सांस छोड़ते हुए आगे झुकाना है। यदि सर्वाइकल की समस्या हो तो गर्दन को आगे झुकाने से बचना चाहिए। इस प्रक्रिया को पांच से सात बार दोहराने की सलाह दी जाती है।
सांस के साथ तालमेल बनाकर गर्दन को दाईं और बाईं ओर झुकाना होता है। इसे भी पांच से सात बार दोहराने से लाभ मिलता है।
इसके बाद गर्दन को धीरे-धीरे दोनों ओर मोड़कर पीछे देखने का अभ्यास करना चाहिए। सांस भरते हुए दाईं ओर देखें और सांस छोड़ते हुए बाईं ओर। इस प्रक्रिया को भी पांच से सात बार दोहराना चाहिए।
गर्दन को पीछे झुकाकर आधा चक्कर घुमाने का अभ्यास करना फायदेमंद होता है। एक चक्कर में सांस भरना और दूसरे में छोड़ना चाहिए। इसे भी पांच से सात बार करना चाहिए।
2. कंधों के लिए व्यायाम
योग प्रशिक्षक का कहना है कि कंधों को मजबूत और लचीला बनाए रखने के लिए ये सरल अभ्यास बेहद जरूरी हैं।
पैरों को पास लाकर खड़े होना चाहिए और हाथों को जांघों के पास रखना चाहिए। सांस भरते हुए कंधों को ऊपर उठाना और छोड़ते हुए नीचे लाना चाहिए। इस प्रक्रिया को दस से पंद्रह बार दोहराने से अच्छा लाभ मिलता है।
कोहनियों को मोड़कर घुमाने का अभ्यास करना चाहिए। जितना बड़ा सर्कल बनाया जाएगा, उतना ही फायदा मिलेगा। सांस भरते हुए ऊपर ले जाना और छोड़ते हुए नीचे लाना आवश्यक होता है। इसे पांच से सात बार एक दिशा में और फिर उतनी ही बार विपरीत दिशा में करना चाहिए।
हाथों को ऊपर उठाकर हथेलियों को बाहर की ओर रखते हुए सांस भरना और नीचे लाते हुए छोड़ना चाहिए। इस अभ्यास को दस से बारह बार करना चाहिए।
3. वक्ष स्थल और कमर के लिए व्यायाम
दीपक जी बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए रखने और शरीर को सक्रिय रखने के लिए ये अभ्यास जरूरी हैं।
दोनों हाथों को आगे फैलाकर कंधों के समानांतर लाना चाहिए। इसके बाद सांस भरते हुए छाती को फैलाना और छोड़ते हुए वापस लाना चाहिए। इस प्रक्रिया को दस से बारह बार दोहराने की सलाह दी जाती है।
हल्का झुकाव देकर कमर को पीछे की ओर मोड़ना और फिर आगे झुकना फायदेमंद होता है। सांस भरते हुए पीछे जाना और छोड़ते हुए आगे झुकना चाहिए। इस अभ्यास को दस से पंद्रह बार किया जा सकता है।
4. पैरों और टखनों के लिए व्यायाम
योग प्रशिक्षक के अनुसार, पैरों की मजबूती और संतुलन बनाए रखने के लिए इन अभ्यासों को करना जरूरी है।
पैरों को कंधों के समानांतर खोलकर खड़ा होना चाहिए और घुटनों को मोड़कर ऊपर-नीचे करने का अभ्यास करना चाहिए। यदि किसी को घुटनों में दर्द की समस्या हो तो हल्के अभ्यास करने चाहिए।
पिंडलियों को मजबूत करने के लिए दोनों पैरों को पास में लाकर एड़ी को ऊपर उठाना और नीचे लाना चाहिए। यह प्रक्रिया पंद्रह से बीस बार करनी चाहिए।
टखनों को घुमाने का अभ्यास करने से लचक बनी रहती है। पहले दाएं पैर को आगे बढ़ाकर पंजे को ऊपर-नीचे करना चाहिए और फिर इसे दाएं-बाएं घुमाना चाहिए। इसके बाद क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज घुमाना चाहिए। यही प्रक्रिया बाएं पैर से भी दोहरानी चाहिए।
निष्कर्ष
योगा विशेषज्ञ दीपक जी का मानना है कि ये सामान्य सूक्ष्म व्यायाम शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करते हैं। गर्दन से लेकर पैरों तक हर हिस्से को लचीला और मजबूत बनाने के लिए इनका नियमित अभ्यास करना चाहिए। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे तो
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जय हिंद, जय भारत!
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